Hello friends, this is a motivational story in Hindi . I hope you like this.
बहुत
पहले की बात है , फ्रांस के शहर में एक शिक्षक अपने
परिवार के साथ रहता था . शिक्षक की बेटी का
नाम सायरा था ,जो जन्म से अंधी थी. सायरा को अपने अंधे होने पर
बहुत दुःख था और वह अक्सर स्वयं को इसके लिए कोसा करती थी.
सायरा
जब बड़ी हुई तो उसके माता पिता ने उसकी सादी के लिए एक लड़का खोजा.अंधी होने के बाद भी
लड़का उससे शादी करना चाहता था .सायरा को भी अपना मंगेतर अच्छा लगने लगा .मंगेतर उसका
पूरा ख्याल रखता , उसकी हर जरुरत को समझता और जीवन
को सकारात्मक रूप से देखने को प्रेणना देता. लिकिन , सायरा पर इसका कोई असर नहीं होता . वह इक ही जिद करती ,मुझे अंधी होने पर खुद पर बेहद घृणा है और मै इस हालत में जीवन भर सादी नहीं
करुँगी . वह अपने मंगेतर को आवाज से पहचानती और उसे अपने दिल की सभी बाते कहती.
एक
दिन शहर में आँखों के ऑपरेशन करनेवाला के बड़ा डॉक्टर आया . सायरा को मंगेतर उसे लेकर
डॉक्टरके पास गया. डॉक्टर ने बताया कि सायरा की आंखे ठीक हो सकती है;.बसरते उसका ऑपरेशन किया करा दिया
जाये. अगले दिन सायरा को उसके माता पिता और मंगेतर ने अस्पताल में भर्ती करा दिया
. डॉक्टर ने उसका सफ़र ऑपरेशन किया.. तीन चार दिन बाद जब सायरा
की आंखे खोली गयी तो वास साफ साफ सब कुछ देखकर खुशी से झूम उठी. अब उसने पाने मंगेतर
को खोजा , जिसने उसकी कई महीने से दिन रत सेवा की थी. सायरा ने
चिल्लाया , तुमने मुझे पहलें क्यों नहीं बताया की तुम अंधे हो
, मई अंधेपन को अपने जीवन का
हिस्सा नहीं बनाना चाहती, इसलिय मई किसी भी परिस्थिति में तुमसे
सदी नहीं कर सकती . यस सुनकर सायरा के मंगेतर
का मन भर गया. थोरी देर में उसने एक कागज सायरा की ओर किया और लाठी के सहारे अस्पताल से बहार
निकल गया. उसके जाने के बाद सायरा के कागज का टुकरा खोला,
तो उसमे लिखे वाक्य को पढ़कर
सायरा मानो आसमान से पाताल की ओंर गिर पड़ी. कागज पर लिखा था
-"सायरा , मेरी आँखों का ख्याल रखना.
दोस्तों
,हमारे आसपास इसे कई लोग है जो परिस्थिती के
साथ तुरंत बदल जाते है अतः किसी को मदद करने से पहले उसके स्वभाव को जान लेना जरुरी
है, वरना कही एसा न हो की आप हमेसा के लिए एक घाटे का सौदा कर बैठे.
Thanks for reading.